Monday, November 2, 2009

देर से ही सही, चुद तो गई

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कैसी लगी कैडबरी

प्रेषक : आमिर

मैं आमिर इलाहबाद से हूँ। मेरी उम्र २४ साल है मेरा लंड ७ लम्बा है ३ चौड़ा है। मैं आपको अपने पहले सेक्स के बारे में बताने जा रहा हूँ।

बात ६ साल पुरानी है। तब मैं १२वीं में था और हम लोग जहाँ रहते हैं उसके सामने वाली बिल्डिंग में एक औरत रहने आई थी। उसके पति दुबई में जॉब पर थे और उसकी एक लड़की थी, वो लड़की १८ साल की थी।

जब मैंने उस लड़की को पहली बार बिल्डिंग के नीचे देखा तो मेरे होश ही उड़ गए। वो दुकान में कैडबरी लेने आई थी और मैं भी उसी दुकान में रेज़र लेने आया था। मैंने उसे देखा तो मैं देखता ही रह गया।

उसने नीली रंग का स्कर्ट पहना था जोकि घुटनों तक ही था और पीले रंग की शर्ट पहनी थी। शर्ट के ऊपर से उसके छोटे छोटे दो मुसम्बी साफ साफ दिखाई दे रहे थे। वो कमाल की थी।

मै सोचने लगा अगर यह लड़की मुझे चोदने को मिले तो बहुत ही मज़ा आएगा और मैंने उससे दोस्ती करने का फैसला किया।

मैंने उसको बोला,"हई !

उसने सामने से उत्तर देते हुए 'हय' कहा फिर मेरी हिम्मत बढ़ी और मैंने उसको नाम पूछा तो उसने बताया "फ़िज़ा"

मैंने फिर उसे अपना नाम बताया और कहा कि मैं उस सामने वाली बिल्डिंग में रहता हूं ! तो उसने भी कहा कि मैं तुम्हारे सामने वाली बिल्डिंग में रहती हूँ।

फिर मैंने उसको पूछा,"फ़्रेंड्स ?"

वो हाथ सामने करती हुई बोली,"फ़्रेंड्स !"

फिर हम दोनों अपने अपने घर गये। उसके बाद वो मुझसे मिलती रही और कभी कभी मैं उसके घर भी जाता था। इस बीच मुझे एक बात का पता चल गया कि उसकी कमजोरी कैडबरी है और मैं जब भी उससे मिलने जाता तो उसे कैडबरी ले कर जाता।

उस दिन रविवार था। मैं उसके घर गया, देखा तो उसकी माँ एक रिश्तेदार के पास गई हुई थी और फ़िज़ा घर में अकेली थी। मैं सोफे में बैठ के टी.वी. देख रहा था और वो मेरे साथ मजाक करने लगी, मुझे चिड़ाने लगी और मारने लगी। तो मैं भी उसे मारने लगा। ऐसे ही उसने एक बार मेरी छाती पर मारा तो मैंने भी जानबूझ कर उसकी छाती पर मारा। फिर उसने मेरे पेट पर मारा तो मैंने भी उसके पेट पर मारा। फिर उसने मेरे लंड पर मारा तो मैंने भी उसकी चूत पर मारा।

उस वक़्त मैंने पहली बार किसी लड़की के दूध और चूत को छुआ था।

मैं समझ गया कि फ़िज़ा को क्या चाहिए।

जब उसने फिर से मेरी छाती पर मारा तो मैंने उसके दूध को पकड़ लिया और दबाने लगा।

तो वो पूछने लगी- तुम क्या कर रहे हो?

मैं उसकी दूध दबाते हुए बोला- जो तुझे चाहिए !

और वो कुछ नहीं बोली, चुपचाप बैठी रही। उसने लाल रंग का स्कर्ट और पीले रंग का टी-शर्ट पहना था। मै उसके वक्ष दबाते दबाते उसके होंठों को चूसने लगा।

मैंने उसको पूछा- कभी किसी से दबवाया है क्या ?

तो उसने शरमाते हुए न कहा तो मैं समझ गया कि फ़िज़ा अभी तक कुंवारी है। उसके स्तन एकदम मस्त थे। मैं फिर उसके दूध की घुंडी दो उंगलियों से मसलने लगा तो वो सिसक उठी- अ अ ह ह ह

फिर मैंने उसे उठाया और बेडरूम में ले गया और बेड पे लिटा दिया। फिर मैंने अपना शर्ट उतार दिया और पैन्ट की जिप खोल कर पैन्ट उतार दी। मैं अब बस अंडरवियर में था और मेरा लण्ड लोहे की तरह सख्त हो गया था, मेरे अंडरवियर का तम्बू (टेंट) बना हुआ था। मैं उसके पास लेट गया और उसे नजदीक लेते हुए उसके रसीले होंठ चूसने लगा। मैंने अपने दोनों हाथ उसकी मुसम्बी पर रखे और धीरे धीरे सहलाने लगा।

कुछ देर बाद मैं अपना एक हाथ उसकी टी-शर्ट में ले जाकर उसके बूब्स दबाने लगा। उसने ब्रा पहनी थी। फिर मैं उसका टी-शर्ट उतारने लगा तो उसने हाथ ऊपर करते हुए मेरी मदद की। उसने काले रंग की ब्रा पहनी थी। फिर मैं ब्रा के ऊपर से ही वक्ष दबाने लगा। कुछ देर के बाद मैं अपना एक हाथ उसके पीछे लेते हुए उसकी ब्रा का हूक खोल दिया और उसकी ब्रा निकाल के बेड पर फेंक दी। अब वो मेरे सामने नंगी बैठी थी। मैं उसे फिर लिटाते हुए उसके ऊपर लेट गया और उसके दूध चूसने लगा।

कभी कभी मैं उसके निप्प्ल दाँत के बीच ले कर उसे काटता तो वो चिल्लाती थी। मैं एकदम मदहोश हो गया था क्योंकि मैं आज पहली बार किसी लड़की को चोदने जा रहा था।

थोड़ी देर बाद मैंने अपना एक हाथ नीचे ले जाते हुए उसकी स्कर्ट में डाल दिया। मेरे हाथ को उसकी नरम नरम चड्डी लगी। मैं उसकी चड्डी के ऊपर से ही उसकी चूत सहलाने लगा। जैसे ही मेरा हाथ उसके चूत पे लगा, वो सिसक उठी- अ अ अ ह ह ह ह ह ह ह !

फिर मैंने उसकी स्कर्ट का हूक खोल दिया और उसकी स्कर्ट निकाल दी। उसने पीले रंग की चड्डी पहनी थी और चड्डी गीली हुई थी। मैं उसकी चूत चड्डी के ऊपर से ही सहलाने लगा। थोड़ी देर बाद मैं बैठ गया और उसकी चड्डी निकालने लगा। तभी वो इंकार करने लगी तो मैंने पूछा- क्या हुआ?

तो वो बोली- मुझे शर्म आती है !

तो मैं बोला- अभी तो मेरे सामने नंगी हो ! अब काहे की शर्म और वैसे भी तेर पति के सामने तुझे नंगा होना ही है तो अभी क्यों नहीं !

ऐसा कहते हुए मैंने उसकी चड्डी निकाल दी। अब वो मेरे सामने पूरी तरह नंगी थी। वो शरमा रही थी और उसने अपने दोनों पैर एक के ऊपर एक रख लिए। मैंने उसके पैर अलग कर के फैला दिए और उसकी बुर देखने लगा। वाह क्या बुर थी उसकी ! एकदम कुंवारी !

मै तो पागल हो उठा था क्योंकि मैं पहली बार किसी लड़की की चूची और चूत देख रहा था। वो शरमा रही थी। मैंने अपनी एक ऊँगली उसकी बुर में डालने लगा। उसकी बुर एकदम कसी थी, मैं जोर लगा के अपनी ऊँगली उसकी बुर में घुसाने लगा।

तभी वो- ह ई इ ई ई इ र इ इ इ इ सो ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ कर के सिसक उठी।

फिर मै घुसाने की कोशिश करने लगा। कुछ देर के बाद मेरी दो उंगलियां उसकी बुर में गई। अब मैं उंगलियाँ उसकी चूत में अन्दर-बाहर करने लगा। उसको मज़ा आने लगा और वो मस्त होकर सिसक उठी- अ अ अ अ ह ह ह ह ह ह ह अअह !

कुछ देर बाद मैंने अपना अंडरवीयर उतार दिया। तभी मेरा ७" लम्बा और ३" मोटा लण्ड स्प्रिंग की तरह उछल कर बाहर आ गया। वो मेरा लण्ड देख के हैरान हो गई और अपनी बुर को देखती हुई बोली "आमिर, इतना बड़ा तेरा लण्ड मेरी चूत में कैसे घुसेगा? मेरी चूत का छेद तो इसके सामने काफी छोटा है ! यह मेरी चूत में गया तो मैं तो मर जाउंगी !"

तभी मैं बोला,"टेंशन मत लो ! यह तो तेरे छेद में आराम से जायेगा ! पहले पहले दर्द होगा लेकिन फिर मज़ा आएगा और फिर जब बच्चा होता है तो इसी छोटे से छेद से निकलता है न "

ऐसा कहते हुए मैंने उसको मेरा लण्ड चूसने को कहा तो वो मना करते हुए बोली,"चीईई, मैं नहीं चूसुंगी इसे !"

मैंने पूछा,"क्यों ?"

तो उसने बोला,"मुझे गन्दा लगता है !"

तब मुझे याद आया, मैं उसके लिए एक कैडबरी लाया था और उसे देना ही भूल गया था। मैंने झट से अपनी पॉकेट से कैडबरी निकाली और उसे खोल दी। वो कैडबरी थोड़ी सी पिघल गई थी। मैंने वो कैडबरी अपने लण्ड पे लगाई और उसके मुँह में मेरा लण्ड घुसाते हुए बोला,"कैडबरी तो चाट सकती हो ना ?"

और मैंने उसका सर पकड़ के रखा। पहले वो छुड़ाने की कोशिश करने लगी लेकिन छुड़ा न पाई। फिर मैं अपनी कमर आगे पीछे करने लगा। अब उसे भी मज़ा आने लगा और वो मेरा लण्ड पकड़ के खुद ही चूसने लगी। मैंने हाथ उसके सर से हटाते हुए कहा,"कैसी लगी कैडबरी ?"

उसने लण्ड को मुंह से निकालते हुए कहा,"ये कैडबरी तो तेरे लण्ड के सामने कुछ भी नहीं है !" और वो मेरा लण्ड फिर से मुंह में लेकर चूसने लगी।

थोड़ी देर बाद मैंने उसे पैर फैला के लेटने को कहा। वो पैर फैला के लेट गई। उसकी गीली चूत मुझे साफ साफ दिखाई दे रही थी।

मैंने उसे पूछा,"घर में मक्खन है?"

उसने कहा,"हाँ फ्रीज़ में रखा है !"

और मैं मक्खन ले के आया। उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि मैं मक्खन क्यों लाया।

फिर मैंने खूब सारा मक्खन उसकी चूत के अन्दर डाला और अपना लण्ड उसकी बुर के मुंह पर रखा। जैसे ही मैंने लण्ड उसकी बुर पे रखा, वो सिसक उठी, "आह्ह आः जल्दी करूऊऊ नहीं तो माँ मर जाउंगी !"

मैंने एक धक्का देते हुए अपना लण्ड उसकी चूत में डाल दिया, उसकी चूत से खून निकलने लगा और वो चिल्लाने लगी,"ऊउईईई मा आ या मैं मर गई आआअह्ह्ह्ह्ह्ह !"

मैं थोड़ी देर शान्त हो कर लेट गया। थोड़ी देर रुकने के बाद दूसरा धक्का लगाया और वो फिर से चिल्ला उठी,"प्लीज़ आमिर ! लण्ड बाहर निकालो ! नहीं तो मैं मर जाउंगी !"

मैंने कहा,"कुछ नहीं होगा, बस थोड़ी देर और सहन कर लो !"

और उसको किस करते हुए और एक धक्का लगाया इस वक्त मेरा पूरा लण्ड उसकी चूत में चला गया था और वो चिल्लाने वाली थी पर उसका मुँह मैंने अपने मुंह में ले के बंद किया था। उसकी सील टूट चुकी थी और वो रो रही थी और मछली की तरह तड़प रही थी। थोड़ी देर तक ऐसे ही रहा। फ़िर मैं अपनी कमर धीरे धीरे हिलाने लगा। तब तक उसको भी मज़ा आने लगा था और वो भी अपनी कमर ऊपर नीचे करती मुझे सहयोग दे रही थी।

फिर मैंने भी अपनी रफ्तार बढ़ाई और जोर जोर से कमर हिलाने लगा। इस दौरान वो दो बार झड़ चुकी थी। करीब १५ मिनट बाद मैं भी झड़ गया और उसके चूत में ही अपना वीर्य डाल दिया। कुछ देर तक ऐसे ही सोने के बाद वो उठी और अपने कपड़े उठाने लगी।

तभी मैंने देखा उसकी चूत पूरी तरह से गीली थी। उसकी चूत में मेरा वीर्य, उसका पानी और बहुत सा खून भी था। वो उठ के बाथरूम गई और पेशाब करने के बाद उसने अपनी चूत साफ की और अपनी चड्डी पहन ली और बाद में अपनी ब्रा पहनी और फिर टी शर्ट पहन के उसने स्कर्ट कमर पे चढ़ाई और बाहर आ गई।

उस दिन के बाद मैंने उसे बहुत बार चोदा।